आमवात / Rheumatoid Arthritis

🍁♻ नाड़ी वैद्य चिकित्सा सूत्र ♻🍁
💯%
सफल चिकित्सा

♻जोड़ों का दर्द या गठिया बाय♻

🌎आमवात / Rheumatoid Arthritis
आमवात को आयुर्वेद में कष्टसाध्य माना गया है। एलोपैथी में इसकी सिर्फ लाक्षणिक चिकित्सा की जाती है।

🌎सिरम यूरिक एसिड / gout
सिरम यूरिक एसिड की वजह से होने वाले दर्द की चिकित्सा काफी आसान है।

🍁 हमारे क्लीनिक में आने वाले सभी रूमेटाइड आर्थराइटिस के रोगीयों को पहले सप्ताह में ही दर्द , जकडाहट , सुस्ती , इत्यादि लक्षणों में काफी राहत महसूस होती है।
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आज हम आमवात अर्थात रूमेटाइड आर्थराइटिस के सफल आयुर्वेदिक चिकित्सा सूत्र को आप के सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं।

💯सफल चिकित्सा सूत्र:-

🌎आयुर्वेद का प्रथम सिद्धांत है निदान परिवर्जन अर्थात रोग के कारण को दूर करना।

“सनक्षिपते: क्रिया योगे निदान परिवर्जनम”
अर्थात सबसे पहले रोग के होने के कारण को रोका जाए या नष्ट किया जाए।

❄नाड़ी परीक्षा , अष्ठविद् परीक्षा , रोगी से बात कर वात पित्त एवं कफ दोषों को जान कर रोगी के आहार विहार में बदलाव करना चाहिए।

🌎1:- एरण्ड स्नेह :-
आमवात में एरण्ड स्नेह द्वारा कोष्ठ शुद्धि करानें से तुरंत राहत मिलती है इसमें एक सप्ताह तक लगातार एरण्ड स्नेह पान कराने के बाद सप्ताह में दो बार दो महीने तक फिर हर सप्ताह एक बार रोगी की स्थिति अनुसार किया जा सकता है।
💧आचार्य भावमिश्र जी के शब्दों में:-

आमवातगजेन्द्रस्य शरीर वन चारिण:।
एक एव निहन्त्याशु एरण्डतैल केशरी।।

अर्थात शरीर रूपी वन में विचरण करने वाले मतवाले आमवात रूपी हाथी को नष्ट करने के लिए एरण्ड रूपी सिंह ही एकमात्र साधन है।

❄ विशेष एरण्ड तैल :-
💧दशमूल क्वाथ एक लिटर
💧अमलतास का गूदा 250 ग्राम
💧पानी आठ लिटर
में भिगो कर उबालें जब दो लिटर पानी रह जाए तो छानकर उसमें
💧एक लिटर एरण्ड तैल
💧एक लिटर गोमूत्र
डाल कर पकाएं जब तैल ठीक तरह से पक जाए तो छानकर रख लें।

🌎2:- आमवातहर पुड़िया :-
💧विषमुष्टिका वटी 10 ग्राम
💧वातगजांकुश रस 10 ग्राम
💧एकांगवीर रस 10 ग्राम
💧समीरपन्नग रस 5 ग्राम
सभी को अच्छी तरह से पीस कर 60 पुड़िया बना लें। सुबह और रात को खाने के बाद 🍯 शहद के साथ दे सकते हैं।

🌎3:-
💧महारास्नादि क्वाथ
💧दशमूलारिष्ट
💧अश्वगंधारिष्ट
सभी दो दो चम्मच समान मात्रा में पानी मिलाकर सुबह-रात ।

🌎4:- आमवात निर्मूल वटी :-
💧हिंगुल भस्म
💧ताम्र भस्म
💧टंकण भस्म
💧प्रवाल पंचामृत
💧कांतलौह भस्म
💧शुद्ध कुचला
सभी 20-20 ग्राम
💧निशोथ चूर्ण
💧इन्द्रायण मूल चूर्ण
💧स्वर्णक्षीरी मूल त्वक चूर्ण
💧श्वेत पुनर्नवा मूल चूर्ण
💧एरण्ड मूल त्वक चूर्ण
सभी 40-40 ग्राम
💧पंचकोल चूर्ण 50 ग्राम
💧फलत्रिक चूर्ण 30 ग्राम

भावना :-
💧एक लिटर अमृता स्वरस
💧एक लिटर पुनर्नवा स्वरस
💧एक लिटर कृष्ण भांगरा स्वरस

500 मिली ग्राम की गोलियां बना लें।दो दो गोलियां सुबह और रात को खाने के बाद।

उपरोक्त चिकित्सा सूत्र अनुसार रोगी की चिकित्सा से पहले 10-15 दिन में ही रोगी सभी लक्षणों में काफी राहत महसूस करता है।

🙏
ऊं नमः धंवतराय अमृत कलश हस्ताय।

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