🌺 आर्द्रा नक्षत्र
– कु , घ , ड , छ –
अक्षर से शुरू होने वाले नाम वालों के खुशहाल जीवन के लिए एक तरीका
अक्षरों से नाम वालों के खुशहाल एवं आनंदमय जीवन के लिए ज्योतिष के अनुसार जानकारी।
🙏🌺🙏🌺ज्योतिष – खुशहाल जीवन का आधार
आयुर्वेद एवं ज्योतिष एक विज्ञान है हमारा ऐसा मानना है।
कृपया विश्वास के साथ इस विडियो को देखे।
सामाजिक, मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ आदमी ही स्वस्थ है (आयुर्वेद एवं डब्ल्यू एच ओ )
जब तक हम अपने सामाजिक संबंधों को ठीक नहीं रखेंगे मन परेशान रहेगा
मन परेशान रहेगा तो शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता ।
लेकिन हमारे अनुभव से हम जितना ज्योतिष विज्ञान जान पाए हैं हमें लगता है कि यह एक पूर्ण विज्ञान है । यह सामाजिक , मानसिक एवं शारीरिक तीनों स्तर पर काम करता है ।
हमारा ऐसा मानना है कि ज्योतिष आयुर्वेदिक डॉक्टर के लिए एक डायग्नोस्टिक टूल के तौर पर कार्य करता है।
ज्योतिष शास्त्र से आप किसी भी व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति जानकर उससे संबंधित जड़ी-बूटी, खान-पान व भस्मो से एवं आपसी सम्बन्धों की स्थिति जानकर उसकी चिकित्सा कर सकते हैं।
आज का विषय ज्योतिष के सबसे महत्वपूर्ण एवं मूल भूत सिद्धांत के ज्ञान का है। यह आपके शरीर रूपी सृष्टि को जीवन रूपी शक्ति से भरपूर रखने का सर्वोत्तम उपाय है, ऐसा हमारा मानना है।
उस जीवन रूपी शक्ति को प्रदान करने के माध्यम का नाम नक्षत्र है।
जी हां हम ब्रह्मांड में पैदा होने वाले सभी मनुष्य किसी ना किसी नक्षत्र में जन्म लेते हैं।
जी हां जिस नक्षत्र में आप जन्म लेते है ,वही आपके जीवन का मूल आधार है।
आपके जीवन को उर्जा देने का एक माध्यम है नक्षत्र।
आपके जीवन की सभी रुकावटों को दूर करने का माध्यम है नक्षत्र ।
आपको पूर्व जन्म से वर्तमान एवं वर्तमान से अगले जन्म तक पहुंचाने का सेतू है नक्षत्र ।
आपकी खुशियों का , आपके जीवन में आनंद का स्रोत है नक्षत्र।
इतना सब कुछ सुनने के बाद लगता है ऐसा क्या है! उसके बारे में हमें क्यों नहीं पता ।
अगर हम उसको जान पाए तो कैसे ?
आज का हमारा विषय बहुत ही साधारण से साधारण मनुष्य की समझ में आने वाला है ।
दोस्तों आपको अगर अपनी जन्म तिथि और समय का ज्ञान है तो आपने सिर्फ इतना करना है किसी भी लैपटॉप, कंप्यूटर , स्मार्टफोन पर जाकर अपनी जन्म कुंडली बनाने वाली किसी भी वेबसाइट को खोलकर उसमे अपना जन्म तिथि ,समय ,स्थान भर कर आपकोे अपना जन्म चार्ट देखना है ।
उसी से आप पाएंगे कि आपका जन्म किस नक्षत्र में हुआ है ।
नक्षत्र को जानने के बाद अब आपको यह जानना होगा कि उस नक्षत्र को ऊर्जावान रखने का तरीका क्या है।
दोस्तों बहुत सारे तरीके बताए जाते हैं लेकिन हम आपको जो तरीका बताने वाले हैं वह बहुत ही आसान है,
जी हां जो भी आपका नक्षत्र है उसका प्रतिनिधि एक जड़ी बूटी या वृक्ष होता है।
अब आप को अपने नक्षत्र से सम्बंधित पौधे को शुभ दिन को जमीन में रोपित कर उसका ध्यान रखना होगा। जितना वह पौधा सही रहेगा उतना ही आप का जीवन अच्छा व खुशहाल रहेगा।
वह पौधा आप के जीवन में सभी तरह की सकारात्मक उर्जा प्रदान करता रहेगा।
दोस्तों आज हम आर्द्रा नक्षत्र एवं – कु , घ , ड , छ – अक्षरों से शुरू होने वाले नाम वालों की चर्चा करेंगे।
नक्षत्र वर्णाक्षर
🌺 आर्द्रा नक्षत्र 🌺- कु , घ , ड , छ –
आराध्य वृक्ष:-
हिंदी में नाम शीशम
अंग्रेजी में नाम Dalbergia sissoo
।
उपरोक्त के लिए आराध्य वृक्ष से एवं उसका ध्यान रखने से उसका जीवन स्वस्थ एवं खुशहाली से भरपूर रहेगा।
🌷 विशेष उपाय:-
आर्द्रा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष शीशम माना गया है । आर्द्रा नक्षत्र के जातकों को सोमवार के दिन शीशम की जड़ को ताबीज में डालकर गले में पहनने से या बाजू में बांधने से शारीरिक , मानसिक रोगों में लाभ मिलता है।
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“भगवान धन्वंतरि हम सब को सपरिवार स्वस्थ सुखी और समृद्ध रखें यही प्रार्थना”🙏
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