नक्षत्र – खुशहाल जीवन का आधार

शारीरिक , मानसिक और सामाजिक तौर पर स्वस्थ आदमी ही स्वस्थ है
यह परिभाषा आयुर्वेद एवं डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्य है लेकिन दोस्तों कभी सोचा है कि जो दवाइयां आज का इंसान खा रहा है उससे उसके शरीर के अलावा मानसिक और सामाजिक तौर पर उसका क्या प्रभाव है?
एक प्रभाव है
वह दवाई तो शरीर को ठीक करने के लिए खाता है लेकिन इतने खर्चे हो जाने के बाद
मानसिक तौर पर परेशान हो जाता है और
सामाजिक तौर पर उसको समझ में आता है कि कोई भी उसके आसपास दिल से खड़ा हुआ नजर नहीं आता है।

आज जरूरत है हम अपनी उस प्राचीन विद्या को पूर्ण रूप से समझें आज जरूरत है उस विज्ञान को पुनर्जीवित करने की जो हमें खुशहाल जीवन प्रदान करती है।

जब तक हम अपने सामाजिक संबंधों को ठीक नहीं रखेंगे मन परेशान रहेगा

मन परेशान रहेगा तो शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता ।

ज्योतिष विज्ञान हो सकता है कि हम उसको पूर्ण रुप से समझ ना पा रहे हो ।
हो सकता है कि हम उस विज्ञान को सही ढंग से ना जान पा रहे हैं।
हो सकता है किसी भी वजह से वह ज्ञान हम तक सही रूप में न पहुंच पा रहा हौ।

लेकिन हमारे अनुभव से हम जितना जान पाए हैं हमें लगता है कि यह एक पूर्ण विज्ञान है , स्वस्थ जीवन जीने के लिए।

जरूरत है अपने मन से अपने दिमाग से सभी तरह के भ्रम को निकालकर इसको जानने की।

दोस्तों आज का हमारा विषय बहुत ही महत्वपूर्ण और आसान है । आम आदमी को भी समझ में आएगा बहुत बड़ा ज्योतिषाचार्य होने की जरूरत नहीं है ।

आज के दौर में बहुत ज्यादा ज्योतिष की पढ़ाई की जरूरत नही है, आप खुद अपने बारे में एक ऐसी चीज़ को जान पाएंगे और एक छोटे से उपाय से अपने जीवन में खुशियां भर पाएंगे ऐसा हमारा विश्वास है।

आज का विषय ज्योतिष के सबसे महत्वपूर्ण एवं मूल भूत सिद्धांत के ज्ञान का है।

जिसका नाम नक्षत्र है।

जी हां हम ब्रह्मांड में पैदा होने वाले सभी मनुष्य किसी ना किसी नक्षत्र में जन्म लेते हैं।

वह नक्षत्र हमारी जीवन में परमपिता परमात्मा अर्थात जीवन को उर्जा प्रदान करने मुख्य स्रोत द्वारा मिलने वाले सभी फलों का आधार है।

सही मायने में वह आपके जीवन की वह ऊर्जा है जिसको अगर आप हमेशा जागृत रखते हैं तो आपका जीवन खुशियों से , आनंद से ऊर्जावान रहता है ।

जी हां नक्षत्र ,वह आपके जीवन का मूल आधार है।

आपके जीवन को उर्जा देने का एक माध्यम है नक्षत्र।

आपके जीवन की सभी रुकावटों को दूर करने का माध्यम है नक्षत्र ।

आपको पूर्व जन्म से अगले जन्म तक पहुंचाने का सेतू है नक्षत्र ।

आपकी खुशियों का , आपके जीवन में आनंद का स्रोत है नक्षत्र।

इतना सब कुछ सुनने के बाद लगता है ऐसा क्या है! उसके बारे में हमें क्यों नहीं पता ।

अगर हम उसको जान पाए तो कैसे ?
आज का हमारा विषय बहुत ही साधारण से साधारण मनुष्य की समझ में आने वाला है ।

दोस्तों आपको अगर अपनी जन्म तिथि और समय का ज्ञान है तो आपने सिर्फ इतना करना है किसी भी लैपटॉप, कंप्यूटर , स्मार्टफोन पर जाकर अपनी जन्म कुंडली बनाने वाली किसी भी वेबसाइट को खोलकर उसमे अपना जन्म तिथि ,समय ,स्थान भर कर आपकोे अपना जन्म चार्ट देखना है ।

उसी से आप पाएंगे कि आपका जन्म किस नक्षत्र में हुआ है ।

नक्षत्र को जानने के बाद अब आपको यह जानना होगा कि उस नक्षत्र को ऊर्जावान रखने का तरीका क्या है।

दोस्तों बहुत सारे तरीके बताए जाते हैं लेकिन हम आपको जो तरीका बताने वाले हैं वह बहुत ही आसान है, हमारे जीवन , हमारे समाज , सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को खुशियां देने वाला है ।

जी हां जो भी आपका नक्षत्र है उसका प्रतिनिधि एक जड़ी बूटी या वृक्ष होता है।

उस जड़ी-बूटी या पेड़ का आपने विशेष दिन एवं नक्षत्र में रोपण कर उसका पूर्ण ध्यान रखते हुए उसको हमेशा पोषित करना है।

वह जड़ी-बूटी और पौधा जो आपके नक्षत्र का प्रतिनिधि है , यदि आप उसको धरती मां की गोद में उगाकर उसका पूर्ण ध्यान रखते हैं , समय पर पानी गुड़ाई इत्यादि करते हैं तो वह आप की ऊर्जा का स्रोत जितनी अच्छी तरीके से हर एक मौसम में भी खड़ा रहेगा उतना ही आपके जीवन में खुशियां भरता रहेगा ।

ऐसा हमारा मानना है हो सकता है कि विज्ञान की कसौटी पर कोई इसको सही ना माने लेकिन यदि आप सच्चे दिल से अच्छे भाव के साथ इस काम को करते हैं तो हमारा विश्वास है कि आपके जीवन में संतुष्टि एवं खुशहाली बनी रहे रहेगी ।

🌸🌺नक्षत्रों के नाम

🌸1:- अश्विनी

🌸2:-भरणी

🌸3:- कृतिका

🌸4:- रोहिणी

🌸5:- मृगशिरा

🌸6:- आर्द्रा

🌸7:- पुनर्वसु

🌸8:- पुष्य

🌸9:- आश्लेषा

🌸10:- मघा

🌸11:- पूर्वा फाल्गुणी

🌸12:- उत्तरा फाल्गुणी

🌸13:- हस्त

🌸14:- चित्रा

🌸15:- स्वाति

🌸16:- विशाखा

🌸17:- अनुराधा

🌸18:- ज्येष्ठा

🌸19:- मूल

🌸20:- पूर्वा षाठा

🌸21:-उत्तरा षाठा

🌸22:- श्रावण

🌸23:- धनिष्ठा

🌸24:- शतभिषा

🌸25:- पूर्व भाद्रप्रदा

🌸26:- उत्तर भाद्रपदा

🌸27:- रेवती

🌸28:- अभिजीत

किसी भी एक राशि के दो पुरुष अलग-अलग स्वभाव के हो सकते हैं ऐसा कैसे होता है उनका भाग्य भी अलग होता है ।

बहुत आसानी से इसको समझने की जरूरत है कि ऐसा कैसे होता है

आप जब कंप्यूटर पर अपनी जन्मपत्री तैयार करते हैं तो आपको अपने जीवन में आने वाली चीजों के बारे में अपने स्वभाव के बारे में जानने के लिए तीन चीजों का ज्ञान होना चाहिए

🌷1:- आपका लग्न

🌷2:-चंद्र राशि अर्थात चंद्रमा कौन सी राशि में

🌷3:- सूर्य राशि अर्थात सूर्य कौन सी राशि है

अब हो सकता है कि आपके साथ का कोई भी व्यक्ति आप ही के लग्न में आप ही की चंद्र राशि में और आप ही की सूर्य राशि में स्थित होने के बावजूद भी आप से भिन्न हो तो इसमें जरूरत है कि उसका लग्न और चंद्र और सूर्य राशि में नक्षत्र कौन सा है , उसके अनुसार उसकी चीजें होती ।

ज्योतिष में 12 राशियां मानी गई हैं एवम प्रत्येक राशि में सवा दो नक्षत्र माने जाते हैं इस तरीके से कुल मिलाकर 27 नक्षत्र हूए, प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण माने गए

🌷प्रथम
🌷द्वितीय
🌷तृतीय एवं
🌷चतुर्थ

जन्म के समय चंद्र किस नक्षत्र में होता है वह आपका नक्षत्र माना गया है ।

इसी के आधार पर वर्तमान जीवन , भविष्य के फल आपका स्वभाव , आपका मन मस्तिष्क एवं भावनाओं का विचार किया जाता है । जातक के जीवन में होने वाली सभी घटनाओं को निश्चित करने में नक्षत्रों की अहम भूमिका होती हैं।

जिस नक्षत्र में आपका जन्म होता है उसके चार वर्ण अक्षर होते हैं फिर उसी के अक्षरों के अनुसार आपका नामकरण होता है। वह प्रथम अक्षर का उच्चारण आपके जीवन को हमेशा उर्जा प्रदान करता है जैसे यदि आप अश्विनी नक्षत्र में पैदा हुए हैं तो आपके नाम का प्रथम अक्षर होना चाहिए

🌟चू
🌟चे
🌟चो
🌟ला

यदि आप उपरोक्त अक्षरों से अपने नाम की शुरूआत करते हैं तो मान के चलें कि आप हमेशा ब्रह्मांड की उस उर्जा से जुड़े रहेंगे जो आपके जीवन में खुशहाली एवं आनंद भर देगी।

हो सकता है इस बात में आपको कोई आधार न जाना है हो सकता है आप विज्ञान की कसौटी पर स्कोर खरा ना पाए लेकिन ऐसा नहीं है यदि आप देखेंगे कि ज्योतिष शास्त्र में जितने भी ग्रहों की जानकारी दी गई है वह सब जानकारी ग्रहों की दूरी के बारे में हो , ब्रह्मांड के बारे में हो , ग्रहों की संख्या के बारे में हो पूर्ण रूप से सही पाई गई है।

ऐसा कैसे हो सकता है यह सभी जानकारी सोचने का विषय।

जरुरत नहीं है विश्वास करें और आगे बढ़े।

यदि आपका नाम जन्म राशि के हिसाब से दिए गए अक्षर से शुरू होता है तो अगले चार्ट से आप जान सकेंगे कि आप का नक्षत्र क्या है

नक्षत्र वर्णाक्षर

🌺1:- अश्विनी 🌺चू , चे , चो , ला

🌺2:-भरणी 🌺ली , लू , ले , लो

🌺3:- कृतिका 🌺अ , ई , उ ,ए

🌺4:- रोहिणी 🌺 ओ , वा , वी ,वू

🌺5:- मृगशिरा 🌺वे , वो ,क , की

🌺6:- आर्द्रा 🌺कु , घ , ड , छ

🌺7:- पुनर्वसु 🌺के , को , ह , हि

🌺8:- पुष्य 🌺हु , हे , हो , डा

🌺9:- आश्लेषा 🌺डी , डू , डे , डो

🌺10:- पूर्वा फाल्गुणी 🌺मा , मी , मु , मे

🌺11:- मघा 🌺मो , टा , टी , टु

🌺12:- उत्तरा फाल्गुणी 🌺 टे , टो , पा , पी

🌺13:- हस्त 🌺पू , ष , ण , ठ

🌺14:- चित्रा 🌺पे , पो , रा , री

🌺15:- स्वाति 🌺रू , रे , रो , ता

🌺16:- विशाखा 🌺ती , तू , ते , तो

🌺17:- अनुराधा 🌺ना , नी , नू , ने

🌺18:- ज्येष्ठा 🌺नो , या , यी , चू

🌺19:- मूल 🌺ये , यो , भा , भी

🌺20:- पूर्वा षाढ़ 🌺भू , धा , फा , ढा

🌺21:-उत्तरा षाढ़ 🌺 भे , भो , जा , जी

🌺22:- श्रावण 🌺खी , खू , खे , खो

🌺23:- धनिष्ठा 🌺गा , गी , गू , गे

🌺24:- शतभिषा 🌺गो , सा , सी , सू

🌺25:- पूर्व भाद्रप्रदा 🌺से , सो , दा , दी

🌺26:- उत्तर भाद्रपदा 🌺दू , थ , झ , ज

🌺27:- रेवती 🌺दे , दो , चा , ची

🌺28:- अभिजीत 🌺 जू , जे ,जो ,खा

उम्मीद है अब आप अपनी जन्म तिथि एवं समय के हिसाब से या अपने नाम के प्रथम अक्षर से अपने नक्षत्र को जान सकते हैं।

पहला चरण पूरा हुआ।
अब आप को अपना नक्षत्र पता है।

दोस्तों नक्षत्र से जीवन में खुशियां एवं स्वस्थ शरीर पाने के बहुत सारे तरीके हो सकते हैं। लेकिन हम आपको आज के इस लेख में मुख्य , आसान एवं लम्बे समय तक फायदा देने वाला प्रथम उपाय बताने जा रहे हैं।

प्रथम उपाय:-

आज के युग में “नाम में क्या रखा है” जैसी कहावतें काफी प्रचलित हैं, लेकिन दोस्तों हमारा यह मानना है कि नाम में ही सब कुछ रखा है।

दोस्तों इस ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही चीज ऐसी है जो कि कभी भी नष्ट नही हो सकती है ।
वह है शब्द!
जी हां जो शब्द आप के मुख से एक बार निकल गया वह हमेशा के लिए ब्रह्माण्ड में रहेगा। सिर्फ दुनिया में शब्द ही अनित्य है अर्थात ना खत्म होने वाला।

अब आप समझ सकते हैं कि यदि आप ने अपना नाम अपने नक्षत्र के वर्ण अनुसार रखा है तो हमेशा उस शब्द की उर्जा आप के जीवन में बनी रहेगी।

सबसे आसान एवं महत्वपूर्ण उपाय है कि आप अपना नाम ही अपने नक्षत्र के वर्ण अक्षर अनुसार ही रखें।

आपके जीवन में परमात्मा सदा खुशियां एवं आनंद की वर्षा करें इसी भाव के साथ।

फिर मिलेंगे

🙏
With best wishes and prayers

नाड़ी वैद्य डॉ.अजीत सिंह यादव
आयुर्वेदाचार्य
आहार – विहार – नाड़ी परीक्षा विशेषज्ञ
मेडिकल एस्ट्रोलोजर

नाड़ी वैद्य डॉ. मोहित वशिष्ठ
CEO Nadi Vaidya Pharmacy

नाड़ी वैद्य डॉ. सलोनी यादव
CEO Nadi Vaidya Gurukul

नाड़ी वैद्य डॉ. माना यादव
President, HEAL INDIA

Nadi Vaidya Dr. Ajit Singh Yadav
Ayurvedacharya
Diet-Lifestyle and Pulse Diagnosis Expert

Nadi Vaidya Dr. Mohit Vashist
CEO Nadi Vaidya Pharmacy

Nadi Vaidya Dr. Saloni Yadav
CEO Nadi Vaidya Gurukul

Nadi Vaidya Dr. Mana Yadav
President, HEAL INDIA

ज्यादा जानकारी के लिए सम्पर्क करें:-
7015614500
Nadi Vaidya Pharmacy, Karnal

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